एक बार फिर आप सभी का स्वागत करता हूँ आपके अपने इस ब्लॉग में तो दोस्तों आज हम बात करने वाले है कुछ उन चीज़ो के बारे में जो आपकी लाइफ में एक नया मोड़ लाने में उतना ही शक्षम है जितनी की आपकी मेहनत और लगन दोस्तों आज का हमारा विषय है Right to Information, RTI Full form, rti act 2005, rti act in hindi etc.
Right to Information Act,2005 के द्वारा देश के नागरिकों को ये अधिकार है कि वो सरकार की किसी भी नीति, कार्य, नियम, प्रक्रिया के बारे मे कभी भी कही भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय (Department of Personnel and Training, Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions ) की पहल से RTI की शुरुआत हुई है।
RTI का मुख्य उद्देश्य सरकारी कामकाज और फैसलों में पारदर्शिता और जिम्मेदारी लेकर आना जिससे भ्रष्टाचार कम हो और आम जनता को सशक्त बनाना की वो कभी भी कहीं भी अपनी सरकार से सवाल पुछ सकते है।
नागरिकों को जागरूक बनाना और सरकार अपने शासितों के प्रति जवाबदेह बनाना जिससे अतः लोकतंत्र को मजबूत करना।
भारत सरकार, प्रथम अपीलीय प्राधिकरणों, पीआईओ आदि (first Appellate Authorities,PIOs) आदि और राज्य सरकार की किसी भी तरह की संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं!
इसने पूर्व सूचना की स्वतंत्रता अधिनियम, 2002 (Freedom of Information Act) की जगह ली है। इसमें ये पप्रवधान है की भारत का कोई भी नागरिक “सार्वजनिक प्राधिकरण” से सूचना का अनुरोध कर सकता है,और जिसका जवाब तीस दिनों के भीतर देना होगा और ऐसी सूचना जो याचिकाकर्ता के जीवन और स्वतंत्रता से जुड़ी है
तो उसकी सूचना 48घंटे के अंदर प्रदान करनी होगी।हालाकि कई बार आरटीआई बहस का मुद्दा भी बना रहता है जैसे राजनीतिक फायदा उठाने के लिए इसका उपयोग प्रतिद्वंदी की सेक्षिक योग्यता जानना या की हाय प्रोफाइल प्रोयोजन में जानकारी ना देना।
RTI 2 प्रमुख मुख्य निकाय के अधीन है:
- केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसीCentral Information Commission (CIC) – ये सभी केंद्रीय विभागों और मंत्रालयों का नेतृत्व करते हैं।
- राज्य सूचना आयोग (State Information Commissions)- ये राज्य विभागों और मंत्रालयों का।
आरटीआई कैसे दाखिल करें?
RTI दाखिल करने की प्रक्रिया बहुत ही सरल एवम परेशानी मुक्त है। RTI के लिए आवेदन ऑनलाईन या ऑफलाइन दोनों तरीके से कर सकते हैं।
ऑफलाइन आवेदन करने का तारिका:
- किसी भी भाषा मुख्य हिंदी या अंग्रेज़ी मे आवेदन भर कर जमा कर सकते है।
- अगर कोई अनपढ़ व्यक्ति है तो वह सहायक डाकघर के पीआईओ के पास जाकर अपनी बात बता सकता है और पीआईओ बाध्य है वे अनपढ़ व्यक्ति के उपलक्ष मे आवेदन लिखे या प्रिंट करें।
- इसे संबंधित विभाग के पीआईओ (जन सूचना अधिकारी) को संबोधित करे।
- जरूरी और डायरेक्ट सवाल पूछे।
- अपनी पूरी जानकारी नाम, पता , संपर्क अवश्य प्रदान करे।
- पंजीकृत डाक द्वारा ही भेजे और रिकॉर्ड के लिए आवेदन की फोटोकॉपी अवश्य रखे साथ ही डाक की पावती (acknowledgement of request’s delivery) भी रखे।
- और अगर व्यक्तिगत रुप से आवेदन जमा कर रहे है तो भी पावती लेना ना भूले।
आनलाईन आवेदन करने का तरीका:
- आनलाईन आरटीआई दाखिल करने की सुविधा केंद्र और कुछ राज्य सरकार के विभाग प्रदान करते है।
- या फिर कई वेबसाइट है ऐसी जो आरटीआई आवेदन फॉर्म भरवाती है।इसके लिए कुछ मामूली राशि वो चार्ज करते है और फिर संबंधित विभाग को भेज देते है।
- वेब पोर्टल OnlineRTI.com कहीं भी rti act 2005 दायर कर सकते हैं।
आप चाहे ऑनलाइन आवेदन करे या ऑफलाइन कानून के हिसाब से 30 दिन के भीतर संबंधित विभाग को सूचना प्रदान करनी होगी। हालांकि कई बार तीस दिन से ज्यादा का समय भी लग जाता है
जैसे की जब आवेदन फॉर्म में पूरी तरह से सही ना भरा हुआ हो, या संबंधित विभाग सही ना बताया गया हो, या फिर कोई सरकारी रिकॉर्ड ना उपल्ब्ध हो तो ऐसे मे संबंधित पीआईओ को आरटीआई की देरी का कारण बताए हुए एक लिखित जानकारी प्रदान करेगा याचिकाकर्ता को। और अगर वो ऐसा करने में असफल होता है तो जुर्माना देना होगा संबंधित पीआईओ को।
Conclusion(निष्कर्ष )
दोस्तों आज के इस विषय से आपको बहुत कुछ सिखने को मिला होगा इन Quotes में कही गयी बातो के माध्यम से आप अपने लक्ष्य को बनाये रखने में डटे रहेंगे और मै आशा करता हूँ की आप इन लाइन्स को अपने जीवन में Apply करेंगे और आशा करता हूँ की मै आपके कुछ काम आया हूँगा दोस्तों आशा है की आप हमारे साथ यू ही बने रहेंगे तो बिना देर किये आज ही capitalgyan को फॉलो करो दोस्तों और आप हमे अपने कमैंट्स के जरिये अपनी प्रतिक्रिया देते रहे इससे हमारा मनोबल बढ़ता है। एक बार फिर आप सभी का इस ब्लॉग पर आने का शुक्रिया।
तो कैसा लगा आपको यह आर्टिकल rti act 2005 in hindi बताना ना भूले।