नमस्ते दोस्तों कैसे है आप सब मै आपका दोस्त ॐ एक बार फिर हाज़िर हूँ एक नए विषय के साथ तो आज हम बात करने जा रहे है TDS के बारे में What is The Meaning of TDS in hindi & Full Form of TDS , tds meaning, tds challan तो चलिए मित्रो बिना समय गवाए हुए बढ़ते है अपने आज के विषय की ओर।
TDS Meaning in Hindi ?(TDS क्या है।?)
दोस्तों यु तो tds meaning बताने के और भी कई तरीके हो सकते है पर अगर इसे आसान भाषा में कहा जाये तो सरकार द्वारा आप से लिए जाने वाला टैक्स ही TDS कहलाता है।
और अब मै आपको इसके दो प्रकार बताता हूँ सरकार आप से दो प्रकार से कर वसूलती है और उन दो तरीको को हम कहते है।
- Direct Tax (प्रत्यक्ष कर) जैसा की आप नाम से जान चुके होंगे की आप जो भी सामान या कुछ भी खरीदते है जैसे उद्धरण के लिए आप property लेते हो तो उसमे भी आपको उस प्रॉपर्टी का टैक्स देना आवश्यक है और सिर्फ यही नहीं आप 1 रूपए का शम्पू भी लेते है तो उसमे भी आप का टैक्स कटता है।
- Indirect Tax (अप्रत्यक्ष कर ) ये एक प्रकिया के अनुरूप है जिसका मुख्या उद्देश्य होता है की टैक्स भुगतान करने में किसी तरह की कोई चोरी न की जा सके यही indirect tax कहलाता है।
What is The full form of TDS ?(TDS को पूर्णतये क्या कहा जाता है?)
दोस्तों अपने टैक्स (कर) तो बहुत आर सुना होगा पर क्या आप TDS का पूरा अर्थ जानते है क्या आपको मालूम है की TDS को क्या कहा जाता है।
अगर नहीं तो कोई चिंता करने की बात नहीं हम बताते है आपको TDS का अर्थ होता है TAX Deducted Source तो आशा करता हूँ आप सभी को समझाने में कामियाब रहा हूँ मै।
Explain Who is Deductor and Why Deducted your TDS?
दोस्तों आप सब किसी न किसी कंपनी में काम करते होंगे है न तो इसे ऐसे समझते है की आपको इनकम देने वाली संस्था यानि की Dedecutor के द्वाराTDS काटने के बाद उस TDS की राशि को सरकार के खाते में जमा कर दिया जाता है और deductor के द्वारा कटे हुए TDS को आप चाहे तो incomeTaxreturn यानि की (ITR) प्रक्रिया के माध्यम से फाइल कर सकते है।
और ध्यान रखने वाली बात ये है की अगर deductor द्वारा TDS के निर्धारित समय पर सरकार के खाते में जमा न किया जाए तो deductor पर ब्याज और जुरमाना लग सकता है इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के द्वारा
आशा करता हूँ की आप जान चुके है की TDS क्यों कटता है।
क्या आप जानते है की कितने तरह की भुगतान पर TDS कटता है?
टीडीएस कई तरह के भुगतान पर काटा जाता है जैसे – सैलरी (Salary), ब्याज (Interest), लाभांश (Dividend), कमीशन (Commission), प्रोफेशनल फीस (Professional Fees), किसी भी तरह का किराया (Rent), ब्रोकरेज (Brokerage), काट्रेक्ट पेमेंट (Contract Payments) आदि परआपका TDS काटा जाता है।
जो की बेहद ही आवश्यक है और आपको आने वाली परेशानियों से बचा भी सकता हैचलिए इसे एक उद्धरण के स्वरुप में समझा जाये।
तो ऐसे मान लेते है की आप किसी प्रकार की एक कंपनी चला रहे है उस कंपनी के मालिक है तो ज़ाहिर सी बात है की आपने कर्मचारी रखे हुए है और उन्हें हर महीने ठीक समय पर तनख्वा दे रहे है तो आपको उनकी तनख्वा में से TDS काटना जरुरी है जिससे पता चलता है की आपके पास आपकी आए से ज्यादा का कुछ नहीं है और आप सुरक्षित है।
और एक दूसरे नजरिये से देखा जाये तो हम ये कह सकते है की हमारे देश की बढ़ती जनसँख्या से तो आप सभी भली भाँति परिचित है तो ऐसे में जो सरकार आपको तमाम सुविधा से अवगत कराती है।
जैसे राशन ,मुफ्त बिजली ,पानी और भीं भिन्न भिन्न प्रकार की नवीनतम योजनाए जिनका आप लाभ लेते है वो सब संभव हो पता है क्युकी आप TDS भुगतान करते है और देश के प्रमुख विकास में अपना बहुमूल्य योगदान देते है।
क्या आप जानते है की TDS रिफंड भी होता है?
टीडीएस काटने वाली संस्था से टीडीएस कटवाने वाले व्यक्ति (Deductee) को फॉर्म 16 /16 A सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है इस सर्टिफिकेट में टीडीएस कटने से संबंधित सभी जानकारी दर्ज होती है।
कभी कभी कुछ मामलों में ऐसा भी हो जाता है की टीडीएस उनका भी काट लिया जाता है जिनकी आमदनी इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती है तो उनके लिए भी कानून द्वारा प्रावधान लागु किया गया है। जिस भी व्यक्ति की इनकम टैक्स की दायरे में नहीं आती है वह सम्बन्धित असेसेमेंट ईयर में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR) करके टीडीएस रिफंड क्लेम कर सकता।
आइये इसे एक उद्धरण के माध्यम से समझा जाए।
ये बिलकुल वैसे ही है जैसे आप किसी के बैंक में पैसे भेजते है और वो पैसे अगर किसी और को चले जाए तो आप बैंक के कर्मचारी को कहते है और वो आपको एक एप्लीकेशन लिखने के लिए कहता है जिससे माध्यम से आप के पैसे वापस आपके खाते में सुरक्षित आ जाते है।
ठीक वैसे ही ये भी है मान लीजिये की आपका TDS काट लिया गया है तो आप ITR फाइल कर के अपना कटा हुआ TDS वापिस पा सकते है यानि की क्लेम कर सकते है।
आशा करता हूँ की आप जान चुके होंगे की क्या प्रक्रिया होती है TDS Refund की।
क्या आप जानते है कि TDS कब और किसके द्वारा काटा जाना चाहिए?
TDS कितना प्रतिशत कटता है। आयकर अधिनियम के तहत उल्लिखित निर्दिष्ट भुगतान करने वाले किसी भी व्यक्ति को इस तरह के निर्दिष्ट भुगतान करने के समय टीडीएस काटने की आवश्यकता होती है। लेकिन यदि कोई व्यक्ति भुगतान करने वाला व्यक्ति या एचयूएफ है जिसकी पुस्तकों का ऑडिट कराने की आवश्यकता नहीं है तो किसी भी टीडीएस को नहीं काटा जाना चाहिए
जब की व्यक्तियों और HFU द्वार हर महीने 50,000 रुपये से ज्यादा के किराए के भुगतान के मामले में, यदि व्यक्तिगत या HFU एक कर लेखा परीक्षा के लिए जिम्म्मेदार नहीं है,उस परिस्थिति में भी 5% की कटौती करना जरुरी है। इसके अलावा, ऐसे व्यक्ति और HUF TDS 5% की कटौती के लिए जिम्मेदार हैं जो TAN के लिए आवेदन नहीं करते हैं।
आपका नियोक्ता आयकर स्लैब दरों पर लागू TDS काटता है। TDS कटौती चार्ट के अनुसार बैंक TDS 10% घटाते हैं।
और आपके पैन की जानकारी नहीं होने पर 20% की कटौती कर सकते हैं। अधिकांश भुगतानों के लिए टीडीएस की दरें आयकर अधिनियम में निर्धारित की जाती हैं और टीडीएस का भुगतान इन निर्दिष्ट दरों के आधार पर किया जाता है।
यदि आप अपने नियोक्ता को निवेश प्रमाण (कटौती का दावा करने के लिए) जमा करते हैं और आपकी कुल कर योग्य आय कर योग्य सीमा से कम है – तो आपको कोई कर नहीं देना होगा।
और इसलिए आपकी आय पर कोई TDS नहीं काटा जाना चाहिए। इसी तरह, यदि आप अपनी कुल आय कर योग्य सीमा से नीचे हैं, तो आप फॉर्म 15G और फॉर्म 15H को बैंक में जमा कर सकते हैं ताकि वे आपकी ब्याज आय पर TDS नहीं काटें।
यदि आप अपने नियोक्ता को प्रमाण पेश नहीं कर पाए हैं या यदि आपका नियोक्ता या बैंक पहले ही TDS काट चुका है और आपकी कुल आय कर योग्य सीमा से कम है।
तो आप अपना रिटर्न दाखिल कर सकते हैं और TDS के रिफंड का दावा कर सकते है।
क्या आप जानते फॉर्म 26AS क्या होता है?
आशा करता हूँ की आप को समझ आया हो की TDS क्या होता है तो आपको यह समझना भी आवश्यक है कि TDS आपके पैनकर्ड से कैसे जुड़ा हुआ है। टीडीएस कटौती कटौतीकर्ता और कटौतीकर्ता दोनों के लिए पैन नंबरों से जुड़ी होती है। यदि आपकी किसी भी आय से टीडीएस काट लिया गया है तो आपको टैक्स क्रेडिट फॉर्म 26AS से गुजरना होगा।
यह फॉर्म एक समेकित कर विवरण है जो सभी पैन धारकों के लिए उपलब्ध है। क्योंकि सभी TDS आपके पैनकार्ड से जुड़े होते हैं, इसलिए यह फ़ॉर्म आपके जरिये किए हुए सभी प्रकार के भुगतानों के लिए प्रत्येक कटौतीकर्ता द्वारा आपकी आय पर काटे गए tds meaing के विवरणों को सूचीबद्ध करता है चाहे वे तनख्वा या ब्याज आय हों आपके पैन से जुड़े सभी टीडीएस की रिपोर्ट की जाती है।
इस फॉर्म में आपके द्वारा सीधे आयकर का भुगतान भी किया जाता है – अग्रिम कर या स्वयं मूल्यांकन कर के रूप में। इसलिए, आपके लिए अपने पैन का सही उल्लेख करना महत्वपूर्ण हो जाता है, जहां भी आपकी आय पर टीडीएस लागू हो सकता है।
(निष्कर्ष )
आशा करता हूँ की आपको हमारे द्वारा दी गयी Meaning of TDS in hindi, tds meaning, Full Form of TDS , tds meaning, tds challan जानकारी पसंद आई होगी और एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय के बारे में अच्छे से जानने को मिला होगा और आप ऐसे ही हमारे द्वारा साझा किये हुए विषय को पढ़ते रहे और अपना प्यार हमे देते रहे और भी जो कुछ सवाल आपके मन में हो तो आप Capitalgyan को फॉलो करो तकि हमारे ब्लॉग आप सभी तक पहुंच पाए आप चाहे तो अपना सुझाव अपनी प्रतिक्रिया दे सकते है कमैंट्स के जरिये तो एक बार फिर आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद इस ब्लॉग को पढ़ने का।
तो कैसा लगा आपको यह आर्टिकल Meaning of TDS in hindi & Full Form of TDS , tds meaning, tds challan बताना ना भूले।