दोस्तों पिछले ब्लॉग में हमने जाना की स्टॉक मार्किट में face value क्या होती है और हम जानते है की आपसभी ने उसे पढ़ कर अच्छे से जाना की फेस वैल्यू क्या होती है। इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए और अपना एक कदम बढ़ाते हुए आज हम आप सभी के लिए ले कर आये है एक नया और महत्वपूर्ण विषय जो है ,FDI क्या होती है और इससे हमे क्या लाभ मिलेगा जानिए (2022) में, fdi full form, fdi meaning, fdi for india |
तो कैसे है आप सभी आशा करता हूँ की आप सभी एक दम सवस्थ होंगे एक बार फिर से स्वागत करता हूँ आपके अपने ब्लॉग capitalgyan में आपका अपना मित्र ॐ तो आइए जानते है आज के अपने इस विषय के बारे में।
Full Form OF FDI ? FDI की फूल फॉर्म क्या है?
दोस्तों आपने हमेशा ही FDI सुना होगा पर क्या आप जानते है की इसका असल नाम क्या है इसकी फुल फर्म क्या है आईए जानते है।
दोस्तों इसका पूरा नाम है foreign direct Invesment यानि की प्रत्यक्ष विदेशी निवेश तो अब आपका संदेह दूर हुआ होगा ऐसा मै मानता हूँ।
दोस्तों आपको ये भी बतादू की जो भी ऍफ़ डी आई का सवामित्व प्राप्त करता है या कहे की उसे खरीदता है वो अपनी कंपनी या कहे की व्यपार को किसी दूसरे देश में भी शुरू कर सकता है उसे किसी भी प्रकार की कोई और परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
जो की एक व्यापारी के लिए बोहोत ही अच्छा मौका है अपने व्यापार को किसी अन्य देश में स्थापित करने का।
आखिर ये FDI है क्या?
दोस्तों इस कड़ी में आगे बढ़ते हुए अब हम ये जानने की कोशिश करने वाले है की ऍफ़ डी आई क्या है तो बिना अपना कीमती वक़्त गवाए हुए जानते है की क्या है ऍफ़ डी आई।
जैसे की हमने बात की के FDI यानि की Foreign direct Invesment जैसा की इसके नाम से ही पता चल रहा है यह एक अलग प्रकार का निवेश अर्थात इन्वेस्मेंट है।
क्युकी इसमें कोई भी विदेशी कंपनी किसी भी देश के विभिन विभिन प्रकार के उद्योगिक Sectors में निवेश कर सकती है जिससे उन्हें और जिस भी कंपनी में वो निवेश कर रहे है दोनों को लाभ हो यानि की उस कंपनी का कुछ प्रतिशत का मालिकाना हक़ निवेश करने वाली विदेशी कंपनी को भी हो।
मित्रो आपको ये भी बता दू की भारत में अगर सबसे ज्यादा किसी सेक्टर में निवेश किया जाता है तो वो है IT Sector जी हाँ दोस्तों भारत में सबसे ज्यादा निवेश इसी क्षेत्र में होता है और आप तो जानते है कि भारत के IT सेक्टर की पुरे विश्व में साख है।
और यही कारण है की आज ज्यादा तर विदेशी कंपनी भारत में अलग अलग सेक्टर में निवेश कर रही है क्युकी ये तो जग जाहिर है की भारतीय कितने ज्यादा उन्नत है।
या दूसरे तरीके से कहा जाये तो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) किसी देश के एक फर्म या व्यक्ति द्वारा दूसरे देश में स्थित व्यावसायिक गतिविधियों में किया गया निवेश है। FDI किसी निवेशक को एक बाहरी देश में प्रत्यक्ष व्यावसायिक खरीद की सुविधा प्रदान करता है।
आशा करता हूँ की आप अच्छे से समझ चुके होंगे की आखिर FDI क्या है।
क्या आप जानते है की ऍफ़ डी आई की क्या Policy है क्या नियम है?
मित्रो जैसा की आप सभी को पता है की हर किसी चीज़ की अपनी कुछ व्यवस्था होती है जिन्हे आप और हम नियम और शर्ते कहते है और मानते है क्युकी ये बोहोत जरुरी है बिना किसी चीज़ के बारे में जानने से पहले उस काम को करने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे में बेहतर यही है की आप उन पालिसी के बारे में जान लो तो आज के हमारे इस विषय से जुड़े इसके कुछ नियमो के बारे में जान लेते है आपके काम आने वाली है ये बाते तो ध्यान से पढ़े।
दोस्तों FDI के जरिये 100% स्वामित्व के साथ एक नई सहायक कंपनी विदेशों में स्थापित की जा सकती है यह शेयर धारिता के माध्यम से एक संयुक्त उद्यम में शामिल हो सकते है।
और नई विदेशी शाखाओं, कार्यालयों और कारखानों को भी स्थापित किया जा सकता है वर्तमान में उपलब्ध विदेशी शाखाओं और कारखानों को विस्तारित किया जा सकता है।
तो दोस्तों ये कुछ नियम है जिसे जान लेने के बाद आप इसका लाभ आसानी से ले सकते है।
FDI कितने प्रकार के होते है?
दोस्तों आगे बढ़ते हुए अब हम आ पहुंचे है FDI के प्रकार जानने के पड़ाव में तो बात करते है इसके प्रकर के बारे में क्या आप जानते है की FDI कितने प्रकार के होते है तो आईए जानते है।
दोस्तों FDI मुख्यता चार प्रकार के है।
- क्षैतिज एफडीआई
- कार्यक्षेत्र एफडीआई
- कांग्लोमरेट एफडीआई
- प्लेटफार्म एफडीआई
तो दोस्तों बात करेंगे विस्तृत रूप से इसके सभी प्रकार के बारें में।
1 (क्षैतिज ऍफ़ डी आई ) .
दोस्तों बात की जाये अगर क्षैतिज की तो ये एफडीआई का सबसे सामान्य प्रकार है क्षैतिज एफडीआई, जो की खासतौर से एफडीआई में निवेश करने वाले सभी लोगो के द्वारा स्वामित्व या संचालित एक ही उद्योग से संबंधित एक विदेशी कंपनी में धन निवेश करने के आसपास घूमती है।
यहां,वो जगह है जहा एक कंपनी एक अलग देश में स्थित दूसरी कंपनी में निवेश करती है, जिसमें दोनों कंपनियां समान वस्तुओं का उत्पादन कर रही हैं।
उदाहरण के लिए कोई भी xyz आधारित कंपनी भारतीय abc कंपनी इंडिया में निवेश या खरीद सकती है, जो की एक अच्छी बात है और ये कई तरह के अवसर देती है जैसे की युवा ओ को रोज़गार मिलना।
2 (कार्यक्षेत्र एफडीआई ) .
अब बात करते है इसके दूसरे प्रारूप के बारे में यानि की कार्यक्षेत्र एफडीआई के बारे में तो जानते है इसके बारे में।
दोस्तों कार्यक्षेत्र एफडीआई एक और प्रकार का विदेशी निवेश है जो एक ऊर्ध्वाधर एफडीआई तब होती है जब एक निवेश एक कंपनी में एक विभिन्न तरह से आपूर्ति श्रृंखला के भीतर किया जाता है।
जो की आवश्यक रूप से एक ही उद्योग से संबंधित हो सकता है या नहीं परन्तु इस प्रकार, जब वर्टिकल एफडीआई होता है, तो एक व्यवसाय एक विदेशी फर्म में निवेश करता है जो उत्पादों की आपूर्ति या बिक्री कर सकता है।
वर्टिकल एफडीआई को पिछड़े लंबवत एकीकरण और आगे लंबवत एकीकरण के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
3 (कांग्लोमरेट एफडीआई).
दोस्तों इसके अंदर दो अलग तरह से अलग उद्योगों की दो पूरी तरह से अलग कंपनियों में निवेश किया जाता है, और इसी प्रकार के लेनदेन को एफडीआई समूह के रूप में जाना जाता है।
इस प्रकार, एफडीआई सीधे निवेशकों के व्यवसाय से जुड़ा नहीं होता है।
उद्धरण के तौर पर कहु तू आप एक देश से दूसरे देश में निवेश कर सकते है जैसा की आपको पहले भी कई बार पता चला होगा।
आइए जानते है अपने अगले और आखरी प्रकर के बारे में।
4 (प्लेटफार्म एफडीआई).
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के अंतिम प्रकार मंच एफडीआई है। मंच एफडीआई के मामले में, एक व्यवसाय एक विदेशी देश में फैलता है, लेकिन निर्मित उत्पादों को दूसरे, तीसरे देश में निर्यात किया जाता है।
यदि आप एफडीआई के माध्यम से निवेश करना चाहते हैं, तो आपको उदाहरणों के साथ विभिन्न प्रकार के एफडीआई के बारे में पता होना चाहिए।
एफडीआई के साथ, निवेश किए गए धन का उपयोग किसी विदेशी देश में एक नया व्यवसाय शुरू करने या किसी विदेशी देश में पहले से मौजूद व्यवसाय में निवेश करने के लिए किया जा सकता है।
इसकी के साथ एफडीआई के प्रकरो की चर्चा पूरी हुई दोस्तों।
(निष्कर्ष)
दोस्तों आज की इस महत्वपूर्ण चर्चा को यही समाप्त करते है और हम आशा करते है की आपको आज का ये विषय बोहोत पसंद आया होगा और आपको बोहोत कुछ सिखने को मिला होगा और हम चाहते है आप हमारे साथ ऐसे ही बने रहे और capitalgyan को फॉलो कर ले ताकि आप और भी नए विषय के बारे में पढ़ और जान पाए और साथ ही अपना कमेंट जरूर करे इससे हमे और मेहनत से लिखने की प्रेरणा मिलती है एक बार फिर आपसभी का बोहोत धन्यवाद।